अनिश न्यूज। 30 मई 2021
अनिल कुमार अग्रवाल
सरकार कोविड के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के साथ खड़ी है। ऐसे बच्चों को 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर मासिक वित्तीय सहायता और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर पीएम केयर्स से 10 लाख रुपये की राशि मिलेगी। कोविड के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। ऐसे बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण दिलाने में सहायता की जाएगी और पीएम केयर्स उस ऋण पर लगने वाले ब्याज का भुगतान करेगा। ऐसे बच्चों को आयुष्मान भारत के तहत 18 वर्ष की आयु तक 5 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा और प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा
बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और हम बच्चों की सहायता एवं सुरक्षा के लिए सब कुछ करेंगे – प्रधानमंत्री, एक समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और उनमें उज्ज्वल भविष्य की आशा जगाएं – प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड -19 के कारण अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों की सहायता करने के लिए उठाये जा सकने वाले कदमों के बारे में चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने वर्तमान कोविड महामारी से प्रभावित बच्चों के लिए कई सुविधाओं की घोषणा की। इन उपायों की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और देश बच्चों की सहायता एवं सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगा ताकि वे मजबूत नागरिक के रूप में उभरें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कठिन समय में एक समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और उनमें एक उज्ज्वल भविष्य की आशा जगाएं। कोविड-19 के कारण माता-पिता दोनों या माता-पिता में से जीवित बचे या कानूनी अभिभावक/दत्तक माता-पिता को खोने वाले सभी बच्चों को श्पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रनश् योजना के तहत सहायता दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन उपायों की घोषणा की जा रही है, वे सिर्फ पीएम केयर्स फंड जोकि कोविड -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहायता करेगा, में उदार योगदान के कारण संभव हुए हैं।
बच्चे के नाम पर सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) – पीएम केयर्स 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का कोष बनाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई एक योजना के माध्यम से योगदान देगा। यह कोष 18 वर्ष की आयु से अगले पांच वर्षों तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान उनकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए मासिक वित्तीय सहायता / छात्रवृति देने के लिए उपयोग किया जाएगा, और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर, उसे व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए एकमुश्त के रूप से कोष की राशि मिलेगी।
स्कूली शिक्षा – 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए बच्चे को नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी। पीएम केयर्स वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करेगा।
स्कूली शिक्षा:- 11 -18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए बच्चे को केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसेकि सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिलाया जाएगा। यदि बच्चे को अभिभावक / दादा-दादी / विस्तारित परिवार की देखरेख में रखा जाना है, तो उसे निकटतम केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी। पीएम केयर्स वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करेगा।
उच्च शिक्षा के लिए सहायता:- मौजूदा शिक्षा ऋण के मानदंडों के अनुसार भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों / उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण दिलाने में बच्चे की सहायता की जाएगी। इस ऋण पर लगने वाले ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। विकल्प के रूप में ऐसे बच्चों को केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत स्नातक / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के शिक्षण शुल्क / पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं हैं, उनके लिए पीएम केयर्स एक समकक्ष छात्रवृत्ति प्रदान करेगा।
स्वास्थ्य बीमा:- ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर होगा। 18 वर्ष की आयु तक के इन बच्चों के लिए प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।
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