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बड़ी उपलब्धि : भारत में डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविड – प्रतिरोधी दवा 2-डीजी की पहली खेप लॉन्च की

अनिश न्यूज़। 17 मई 2021
अनिल कुमार अग्रवाल।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 17 मई, 2021 को नई दिल्ली में कोविड के लिये सहायक थेरेपी कोविड-प्रतिरोधी दवा, 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) का पहला बैच जारी किया और उसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को सौंपा। इस दवा के पाउचों से भरा एक-एक डिब्बा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) के लेफ्टिनेंट जनरल सुनील कांत को भी सौंपा गया। इस दवा के और डिब्बे देशभर के विभिन्न अस्पतालों को आपातकालीन उपयोग के लिए सौंपे जायेंगे। इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (इनमास), जोकि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला है, द्वारा डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज (डीआरएल), हैदराबाद के साथ मिलकर कोविड19 – प्रतिरोधी दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) का एक चिकित्सीय अनुप्रयोग विकसित किया गया है।

इस अवसर पर बोलते हुए, रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ और डीआरएल, हैदराबाद को इस दवा के विकास के लिए बधाई दी जो कोविड रोगियों की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करने और उन्हें जल्दी ठीक होने में मदद करेगी। उन्होंने इस दवा को देश के वैज्ञानिक कौशल का एक आदर्श उदाहरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “2-डीजी दवा इस चुनौतीपूर्ण समय में आशा की एक नई किरण है।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह दवा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में देश की मदद करने के लिए इस दवा का विकास और उत्पादन सार्वजनिक-निजी क्षेत्र की साझेदारी का एक शानदार उदाहरण है। उन्होंने आगे कहा कि जब स्थितियां सुधारेंगी, तो वे व्यक्तिगत रूप से इस दवा के विकास में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सभी वैज्ञानिकों को सम्मानित करना चाहेंगे क्योंकि वे इस उपलब्धि के लिए श्रेय के पात्र हैं।

रक्षा मंत्री ने दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ, वाराणसी और गांधीनगर में आईसीयू, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर से लैस कोविड अस्पतालों के निर्माण के अलावा, पीएम केयर्स फंड के तहत देशभर के विभिन्न अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के लिए डीआरडीओ की सराहना की। हल्द्वानी, ऋषिकेश, जम्मू और श्रीनगर में इसी तरह के अस्पताल स्थापित करने का काम जारी है। उन्होंने एएफएमएस के सेवानिवृत्त डॉक्टरों के जुनून की भी सराहना की, जिन्होंने देश की पुकार पर जरूरतमंदों को चिकित्सीय देखभाल प्रदान करने में चिकित्सा बिरादरी के साथ  हाथ बंटाया है।

राजनाथ सिंह ने वर्तमान स्थिति से निपटने में नागरिक प्रशासन की सहायता करने में सशस्त्र बलों द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और भारतीय नौसेना (आईएन) देश और विदेश से ऑक्सीजन टैंकर, कंटेनर, कंसन्ट्रेटर और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों के परिवहन के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सैन्य अस्पतालों में उपचार सुविधाओं के विस्तार पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें अब आम नागरिकों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

अपने संबोधन में, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 2-डीजी को डीआरडीओ और डीआरएल, हैदराबाद की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया, जो कोविड​​​​-19 के रोगियों को इस बीमारी से जल्दी से उबरने में मदद करेगा और ऑक्सीजन पर उनकी निर्भरता को कम करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह दवा न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में इस वायरस को हराने में काफी मददगार साबित होगी। उन्होंने डीआरडीओ और उसके वैज्ञानिकों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बधाई दी।

वर्चुअल रूप से इस कार्यक्रम में शामिल होते हुए डीआरएल के अध्यक्ष श्री कल्लम सतीश रेड्डी ने कहा कि उन्हें 2-डीजी के विकास में डीआरडीओ और इनमास के साथ भागीदारी करने की खुशी है। उन्होंने कहा कि चिकित्सीय और टीके के माध्यम से कोविड के खिलाफ हमारे महत्वपूर्ण प्रयासों की पुन: पुष्टि है।